गोचर गृह पद्धति में गुरु का अपना महत्व है। 13 अप्रैल 2022 को गुरु ने मीन राशि ( Guru in Meen Rashi ) में प्रवेश किया जो कि गुरु की अपनी राशि भी है। 22 अप्रैल 2023 तक गुरु इस राशि में रहेंगे और इसका अलग-अलग राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। गुरु धीमी गति से चलने वाले ग्रह हैं। औसतन गुरु एक राशि में एक वर्ष तक रहते हैं I इस अवधि के दौरान मीन राशि में गुरु के गोचर के प्रभाव का वर्णन नीचे किया गया है:-
मेष राशि के जातक
गुरु आपकी राशि से बारहवें भाव में गोचर में होंगे। यह अवधि जातक के खर्चों में वृद्धि लाएगी। हालांकि यह खर्च शुभ कार्यों पर हो सकता है। यदि आप नौकरी करते हैं तो अवांछित स्थानांतरण की संभावना हो सकती है।
यदि आप किसी अनुकूल स्थान पर स्थानांतरण का प्रयास कर रहे हैं तो आपको अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। हालांकि गुरु की पूर्ण दृष्टि चौथे भाव पर होगी जो आपके मन को शक्ति प्रदान करेगी।
वृष राशि के जातक
गुरु आपकी राशि से एकादश भाव में गोचर में होंगे। वृष राशि के जातकों के लिए गुरु का यह गोचर अत्यंत लाभदायक रहने वाला है I यदि आप नौकरी करते हैं तथा किसी अनुकूल स्थान पर स्थानांतरण का प्रयास कर रहे हैं तो बहुत संभव है कि आपके प्रयास सफल होंगे।
यदि आप किसी व्यवसाय में हैं तो आपको सामान्य से अधिक लाभ होगा। यदि आप एक छात्र के रूप में किसी परीक्षा के परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं, तो परिणाम आपके अनुकूल होने की संभावना है।
मिथुन राशि के जातक
गुरु आपकी राशि से दशम भाव में गोचर में होंगे। मिथुन राशि जातक के लिए यह गोचर मिश्रित फल लेकर आएगा। हम कह सकते हैं कि यह न शुभ होगा और न अशुभ। जहां तक आजीविका के क्षेत्र की बात है तो इसमें कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है। यदि आप स्थानान्तरण के लिए प्रयास कर रहे हैं तो आपके प्रयासों के थोड़े ही परिणाम आने की संभावना है।
कर्क राशि के जातक
गुरु आपकी राशि से नवम भाव में गोचर में होंगे। आपकी पिछली मेहनत आपके लिए परिणाम लेकर आने लगेगी। आपके रुके हुए कार्य इस अवधी में पूर्ण होंगे। कुल मिलाकर यह गोचर आपके अनुकूल रहने वाला है और आपकी कई अन्य समस्याएं भी दूर हो जाएंगी।
सिंह राशि के जातक
गुरु आपकी राशि से आठवें भाव में गोचर में होंगे। यह गोचर आपके लिए कोई अनुकूल परिणाम नहीं लाने वाला है। आपके हाथ में जो काम हैं उन्हें आप पूरा नहीं कर पाएंगे। कोई प्रोजेक्ट पूरा करने के बाद भी वह उम्मीदों के मुताबिक नहीं होगा। इसलिए आपको किसी भी बड़ी समयबद्ध परियोजना को हाथ में लेने की सलाह नहीं दी जाती है।
छात्रों के लिए परिणाम उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं होंगे। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपना काम मेहनत से करें और उचित समय का इंतजार करें।
कन्या राशि के जातक
गुरु आपकी राशि से सप्तम भाव में गोचर में होंगे। पिछले साल की तुलना में इस बार बेहतर परिणाम मिलेंगे। छात्रों को पहले से बेहतर परिणाम मिलेंगे। अगर जीवनसाथी के साथ आपके संबंध अच्छे नहीं हैं तो उसके साथ संबंधों में सुधार होगा। यदि आपके विवाह में बाधा आ रही है तो आपके लिए विवाह के योग बन रहे हैं।
तुला राशि के जातक
गुरु आपकी राशि से छठे भाव में गोचर में होंगे। गुरु का गोचर आपके लिए कोई विशेष परिणाम लेकर आने की संभावना नहीं है। अतीत में आपको जो सकारात्मक परिणाम मिल रहे थे, उन्हें बनाए रखने के लिए आपको अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता होगी। प्रतियोगिता में खुद को बनाए रखने के लिए छात्रों को लगातार कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता होगी।
वॄश्चिक राशि के जातक
गुरु आपकी राशि से पांचवें भाव में गोचर में होंगे। यह वह समय होगा जब आप अपने द्वारा किए गए प्रयासों के अच्छे परिणाम प्राप्त करेंगे। छात्रों को उनकी लगातार मेहनत का फल मिलेगा। अगर आप और आपका जीवनसाथी संतान के लिए प्रयास कर रहे थे तो यह सही समय होगा। आपके बच्चों के साथ आपके संबंध सुधरेंगे बशर्ते आप यह समझें कि आपके बच्चे भी उनके लिए उचित सम्मान चाहते हैं।
धनु राशि के जातक
गुरु आपकी राशि से चौथे भाव में गोचर में होंगे। आपकी राशि के लिए गुरु का गोचर अन्य राशियों की तुलना में अधिक प्रभावशाली होता है। चतुर्थ भाव में गुरु का गोचर सामान्य रूप से आपके लिए अच्छा रहेगा। गुरु 1 अप्रैल 2023 को अस्त होंगे (33 दिनों की अवधि के लिए) और गुरु उदय 4 मई 2023 को होंगे ।
इसके अलावा गुरु 29 जुलाई 2022 को वक्री होंगे और 24 नवंबर 2022 को मार्गी होंगे। इसलिए जब गुरु अस्त या वक्री स्थिति में हो तो आपको बहुत सावधानी से कार्य करने की आवश्यकता होती है। दरअसल यह समय आपके लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
ऊपर बताई गई अवधि को छोड़कर गुरु से अच्छे परिणाम मिलने की उम्मीद है।
मकर राशि के जातक
गुरु आपकी राशि से तीसरे भाव में गोचर में होंगे। आप अपनी योजनाओं को अच्छी तरह से क्रियान्वित करने में सक्षम होंगे। आपकी किसी भी परियोजना में कोई भी विफलता आपको हतोत्साहित नहीं कर पाएगी। संक्षेप में, आप लगातार किए जा रहे प्रयासों के अनुसार परिणाम प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
कुम्भ राशि के जातक
गुरु आपकी राशि से दूसरे भाव में गोचर में होंगे। इस अवधि में आप धन संचय करने में सक्षम होंगे। अपनी आय और व्यय को समझकर आप इनके बीच संतुलन बनाने में सक्षम होंगे। यदि आप किसी पेशे में हैं तो आप अपने नुकसान को आय में बदलने में सक्षम होंगे।
मीन राशि के जातक
गुरु आपकी राशि में गोचर में होंगे। यह अवधि आपके लिए मिले-जुले परिणाम लेकर आएगी। लेकिन आपको उस अवधि में सावधान रहना चाहिए जब गुरु अस्त या वक्री हो। गुरु 1 अप्रैल 2023 को अस्त होंगे (33 दिनों की अवधि के लिए) और गुरु उदय 4 मई 2023 को होंगे । इसके अलावा गुरु 29 जुलाई 2022 को वक्री होंगे और 24 नवंबर 2022 को मार्गी होंगे। यह अवधि आपके लिए मानसिक रूप से परेशान करने वाली साबित हो सकती है।
यह याद रखना चाहिए कि केवल एक ग्रह को देखकर फलादेश नहीं बोलना चाहिए। बल्कि भविष्यवाणी हमेशा सभी ग्रहों और अन्य कारकों के सावधानीपूर्वक अध्ययन पर आधारित होनी चाहिए।
गुरु, शनि और राहु केतु धीमी गति से चलने वाले ग्रह हैं। औसतन गुरु एक राशि में एक वर्ष तक रहता है, शनि एक राशि में ढाई वर्ष और राहु और केतु एक राशि में डेढ़ वर्ष तक रहते हैं। इसलिए सभी राशियों के लिए गुरु, शनि और राहु केतु का गोचर महत्वपूर्ण है।
जहां तक गोचर भविष्यवाणी का संबंध है गुरु, शनि, राहु-केतु और जन्मराशी के स्वामी ग्रह की गोचर स्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसलिए इन सभी ग्रहों के गोचर के प्रभाव को समग्र रूप से ध्यान में रखना चाहिए।