जन्म कुण्डली (Birth Chart) में गुरु (Jupiter) की स्थिति का बहुत महत्व होता है। बृहस्पति न केवल उस घर को प्रभावित करता है जिसमें वह स्थित होता है बल्कि अन्य घरों को भी अपनी दृष्टि से प्रभावित करता है। इसलिए कुंडली (Horoscope) से भविष्यवाणी करते समय बृहस्पति को उचित महत्व देना महत्वपूर्ण है। जन्म कुण्डली के तीसरे (Twelfth) भाव में गुरु का फलादेश इस प्रकार होगा:-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली के बारहवें भाव में बृहस्पति की स्थिति व्यक्ति के व्यय और खर्चों से संबंधित होती है। यदि धनु और मीन लग्न वाले व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति बारहवें भाव में स्थित है, तो ऐसे में व्यक्ति पर अनावश्यक खर्चे करने की विशेष प्रवृत्ति होती है।
बृहस्पति बारहवें भाव में होने पर व्यक्ति अपनी आय का अधिकांश हिस्सा अनावश्यक सामान खरीदने में खर्च कर देता है। इसके अलावा, ऐसे लोग धार्मिक कार्यों और दान-पुण्य में भी अधिक खर्च करते हैं। कई बार वे अपनी आय के अनुपात से अधिक खर्च कर लेते हैं जिससे उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है।
बृहस्पति बारहवें भाव में होने से व्यक्ति को विदेश यात्राएं करने का भी शौक रहता है। ऐसे लोग अक्सर पैसे की बर्बादी करते हुए विदेश में छुट्टियां मनाने जाते हैं। उन्हें विलासिता और आलस्य का भी आनंद मिलता है।
कुल मिलाकर, बृहस्पति बारहवें भाव में धन की बर्बादी की संभावना को बढ़ा देता है। ऐसे लोगों को अपने व्यय पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता होती है, नहीं तो उन्हें आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
मेष लग्न में बृहस्पति बारहवें भाव में
मेष लग्न वाले जातक की कुंडली में यदि बृहस्पति बारहवें भाव में स्थित है तो इस स्थिति के कुछ भिन्न प्रभाव दिखाई देते हैं। मेष लग्न के जातक कनिष्ठ, मित्र और सहकर्मियों से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। उन्हें अपने छोटे भाई-बहनों का भी पूरा सहयोग मिलता है।
हालांकि, मेष लग्न में बृहस्पति बारहवें भाव में होने से व्यक्ति की बचत करने की प्रवृत्ति कम हो जाती है। ऐसे लोग अक्सर कंजूस और मिठाई-खाने के शौकीन होते हैं। वे अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए आसानी से पैसे खर्च कर देते हैं।
कुल मिलाकर, मेष लग्न पर बृहस्पति की यह स्थिति व्यक्ति को कम बचत वाला बना देती है। ऐसे लोगों को अपने वित्तीय प्रबंधन पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
वृषभ लग्न –
- व्यय बढ़ जाता है
- भोग-विलास में रुचि
- महंगी खरीदारी
- दान-पुण्य में रुचि
- बचत न कर पाना
- ऋणों का बोझ
- मिथुन लग्न में बृहस्पति 12वें भाव में
- मिथुन लग्न वालों की कुंडली में बृहस्पति का 12वें भाव में होना व्यय बढ़ाने वाला होता है।
- ऐसे लोग अपनी आय से अधिक खर्च करने लगते हैं।
- वे लग्जरी आइटम्स पर अनावश्यक रूप से पैसा बर्बाद करते हैं।
- ये व्यक्ति विदेश यात्रा करने में बड़ा आनंद लेते हैं।
- ऐसे लोगों की दान-पुण्य की प्रवृत्ति भी मजबूत होती है।
- वे धार्मिक संस्थानों और अच्छे कार्यों में उदारतापूर्वक धन दान करते हैं।
- कभी-कभी अपनी आय से ऊपर दान कर देते हैं।
- परिणामस्वरूप आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है।
- यदि अन्य ग्रह अनुकूल हों तो व्यय संतुलित रहता है।
- अन्यथा व्यक्ति ऋणग्रस्त हो सकता है।
- ऐसे लोगों को व्यय पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता होती है।
- कर्क लग्न –
- अधिक खर्चीले
- मनोरंजन पर खर्च
- विदेश यात्रा का शौक
- दान-पुण्य में रुचि
- बचत न कर पाना
- आर्थिक तंगी का सामना
- सिंह लग्न –
- अत्यधिक व्ययी
- बिना सोचे पैसा खर्च करना
- भोग-विलास पर खर्च
- कोई नियंत्रण नहीं
- ऋणों का बोझ
- आर्थिक संकट की स्थिति
- कन्या लग्न में बृहस्पति 12वें भाव में
- कन्या लग्न वालों के लिए बृहस्पति का 12वें भाव में होना मिश्रित परिणाम देता है।
- एक ओर ये लोग धन के प्रति उदार होते हैं।
- वे परिवार, दोस्तों और जरूरतमंदों की आर्थिक मदद करने में पीछे नहीं हटते।
- दान-पुण्य में भी उदार रहते हैं।
- दूसरी ओर अत्यधिक व्यय से बचते हैं और कठोर कदम उठा सकते हैं।
- ये लोग संयमी भी होते हैं और बेवजह खर्च से बचते हैं।
- वे पैसे की कद्र करते हैं और भविष्य के लिए बचत करने में माहिर होते हैं।
- सामंजस्यपूर्ण जीवन जीना पसंद करते हैं।
- इस प्रकार कन्या लग्न वाले व्यक्ति व्यय और बचत का बेहतर संतुलन बनाए रख पाते हैं।
- तुला लग्न में बृहस्पति 12वें भाव में
- तुला लग्न वालों की कुंडली में बृहस्पति का 12वें स्थान पर होना मिश्रित परिणाम देता है।
- एक ओर ऐसे लोग पैसे की कद्र करते हैं और बर्बादी से बचते हैं।
- वे अनावश्यक खर्च से परहेज करते हैं।
- कठोर परिश्रम करके धन कमाते हैं।
- लेकिन दूसरी ओर ये लोग दान-पुण्य में भी आगे रहते हैं।
- धर्म और दर्शन में रुचि रखते हैं।
- धार्मिक यात्राओं पर खर्च करने में झिझकते नहीं।
- मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों के विकास में भी योगदान देते हैं।
- इस प्रकार तुला लग्न वाले व्यक्ति व्यय-व्यवस्था में संतुलन बनाए रखने में सक्षम होते हैं।
- वृश्चिक लग्न में बृहस्पति 12 भाव में
- वृश्चिक लग्न वालों की कुंडली में बृहस्पति का 12वें भाव में स्थित होना व्यय को बढ़ा देता है।
- ऐसे लोग अकसर अपनी आय से अधिक खर्च करते हैं।
- वे आलस्य, भोग और विलासिता में रुचि रखते हैं।
- मनोरंजन पर बेतहाशा पैसा खर्च कर देते हैं।
- यात्राएं करना और बाहर का खाना खाना पसंद करते हैं।
- शौक और मनोरंजन पर पैसा बहुत बर्बाद करते हैं।
- दोस्तों और रिश्तेदारों का भी खर्च उठाते हैं।
- फिर भी जीवन में खुश रहने में सक्षम होते हैं।
- कभी-कभी ऋण लेना पड़ जाता है जो चिंता का कारण बनता है।
- इस प्रकार वृश्चिक लग्न वाले व्यक्तियों को अत्यधिक खर्च से बचने की आवश्यकता होती है।
- धनु लग्न में बृहस्पति 12 भाव में
- धनु लग्न वालों के लिए 12वें भाव में बृहस्पति की स्थिति व्यय को बहुत अधिक बढ़ा देती है।
- ऐसे लोग धन की कद्र नहीं करते।
- वे बिना सोचे समझे पैसा उड़ा देते हैं।
- भोग-विलास, शराब-पार्टियों पर पैसा बर्बाद करते हैं।
- महंगे होटलों में रहना, विदेश घूमना पसंद करते हैं।
- दान-पुण्य में भी कोई सीमा नहीं रखते।
- परिणामस्वरूप अक्सर ऋण के बोझ में दबे रहते हैं।
- ऐसे लोगों को व्यय पर अंकुश लगाने की आवश्यकता होती है।
- नहीं तो भविष्य में गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।
- मकर लग्न में बृहस्पति 12 भाव में
- मकर लग्न वालों की कुंडली में बृहस्पति का 12वें भाव में स्थित होना व्यक्ति को बहुत ज्यादा बचत करने वाला बना देता है।
- ऐसे लोग पैसे की बहुत कद्र करते हैं।
- वे हर पैसे की लेखा-जोखा रखते हैं।
- खर्च पर पूरा नियंत्रण रखते हैं।
- केवल जरूरी चीजें ही खरीदते हैं।
- ऐसे लोग अति लालची और कंजूस हो सकते हैं।
- परिवार और दोस्तों के साथ भी पैसे के मामले में झगड़ालू रहते हैं।
- हालांकि धर्म और दान-पुण्य में भी रुचि रखते हैं।
- पर यहां भी ज्यादा खर्च नहीं करना पसंद करते।
- इस प्रकार मकर लग्न वाले जातक बहुत ही कंजूस स्वभाव के होते हैं।
- कुंभ लग्न में बृहस्पति 12 भाव में
- कुंभ लग्न वालों की कुंडली में बृहस्पति का 12वें स्थान पर होना व्यक्ति के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।
- ऐसे लोग अपनी आय से काफी अधिक खर्च करने लगते हैं।
- वे पैसे की कद्र नहीं करते और बर्बादी करते हैं।
- ऐसे लोग विदेश घूमने के शौकीन होते हैं और बार-बार विदेश यात्राएँ करते हैं।
- वे महंगे कपड़े, गहने और ऐक्सेसरीज़ खरीदने में भी पीछे नहीं हटते।
- दान-पुण्य में भी इनका योगदान अच्छा रहता है।
- परंतु अधिकांश समय और पैसा भोग-विलास में ही खर्च हो जाता है।
- परिणामस्वरूप ऋणों का बोझ बढ़ता जाता है और आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है।
- ऐसे लोगों को अपने व्यय पर नियंत्रण रखना चाहिए।
- मीन लग्न में बृहस्पति 12 भाव में
- मीन लग्न वालों की कुंडली में बृहस्पति का 12वें स्थान पर होना व्यक्ति को उदार और खर्चीला बना देता है।
- ऐसे लोग पैसे की बर्बादी में माहिर होते हैं।
- वे दान-पुण्य में भी कोई कसर नहीं छोड़ते।
- मंदिरों और धार्मिक संस्थानों को भी भरपूर दान देते हैं।
- साथ ही परिवार, दोस्तों और जरूरतमंदों की आर्थिक मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
- लेकिन इसके कारण अक्सर वे आर्थिक तंगी का सामना करते हैं।
- उन्हें अपने खर्चों पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता होती है।
- उनकी उदारता उनके लिए परेशानी का सबब बन सकती है।