मिथुन लग्न में गुरु कुंडली के सप्तम और दशम भाव का स्वामी होता है। अत: गुरु दो केन्द्र भावों के स्वामी हैं। इस लग्न में जातक सामान्यतः शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठ होता है।
मिथुन लग्न में गुरु कुंडली के सप्तम और दशम भाव का स्वामी होता है। अत: गुरु दो केन्द्र भावों के स्वामी हैं। इस लग्न में जातक सामान्यतः शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठ होता है।