जन्म कुण्डली (Birth Chart) में गुरु (Jupiter) की स्थिति का बहुत महत्व होता है। बृहस्पति न केवल उस घर को प्रभावित करता है जिसमें वह स्थित होता है बल्कि अन्य घरों को भी अपनी दृष्टि से प्रभावित करता है। इसलिए कुंडली (Horoscope) से भविष्यवाणी करते समय बृहस्पति को उचित महत्व देना महत्वपूर्ण है। जन्म कुण्डली के ग्यारहवे (Eleventh )भाव में गुरु का फलादेश इस प्रकार होगा:-
Jupiter in Eleventh house in case of Aries Ascendant – मेष लग्न में बृहस्पति एकादश भाव में
मेष लग्न में गुरु जन्म कुण्डली में नवम और द्वादश भाव का स्वामी होता है। यदि बृहस्पति ग्यारहवे भाव में है तो यह कुम्भ राशि में होगा I
पंचम भाव पर बृहस्पति की पूर्ण दृष्टि जातक की विद्या के लिए अच्छी होती है और जातक को अपनी आजीविका प्राप्त करने में विद्या की अधिक भूमिका होगी। धन और लाभ संबंधी मामलों में गुरु मददगार होगा। खासकर अपनी मेहनत से जातक बहुत धन कमा सकता है। अगर मंगल भी गुरु के साथ एकादश भाव में हो तो निश्चित रूप से जातक को धनवान बना देगा।
Jupiter in Eleventh house in case of Taurus Ascendant- वृष लग्न में बृहस्पति एकादश भाव में
वृष लग्न में गुरु जन्मकुंडली में आठवें और ग्यारहवें भाव का स्वामी होता है।यहाँ बृहस्पति मीन राशि का है जो की इसका अपना घर भी है। इसलिए गुरु लाभ देने वाला होगा।
कुंडली में एकादश भाव का स्वामी होने के बाद बृहस्पति एकादश भाव में है जो कि लाभ का भाव है। जातक को अपने व्यवसाय या पेशे से कुछ धन प्राप्त होता रहेगा।
यह जातक की आयु में वृद्धि करता है । कुंडली में शुक्र और चंद्रमा भी पर्याप्त रूप से मजबूत होने चाहिए।
Jupiter in Eleventh house in case of Gemini Ascendant – मिथुन लग्न में बृहस्पति एकादश भाव में
मिथुन लग्न के मामले में गुरु कुंडली के सप्तम और दशम भाव का स्वामी होता है। अत: गुरु दो केन्द्र भावों के स्वामी हैं। इस लग्न में जातक सामान्यतः शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठ होता है।
मिथुन लग्न में यदि बृहस्पति एकादश भाव में है तो वह मेष राशि में होगा जो मंगल का घर है। जातक को जीवन में उच्च पद प्राप्त करने में मदद करेगा और पत्नी या पति से भी लाभ मिलने की संभावना है।
जातक को अपने पेशे से आय का निरंतर प्रवाह प्राप्त होता है। यदि कुंडली में बुध, चंद्र और शुक्र भी बली हों तो जातक अपने प्रारंभिक जीवन में आर्थिक रूप से मजबूत होता है।
Jupiter in Eleventh house in case of Cancer Ascendant – कर्क लग्न में बृहस्पति एकादश भाव में
कर्क लग्न में गुरु छठे और नौवें भाव के स्वामी होंगे। नवम भाव के स्वामी का एकादश भाव में स्थान भाग्य के लिए अच्छा है।
यदि बृहस्पति एकादश भाव में चन्द्रमा से युति कर रहा हो तो जातक के जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है। यदि मंगल भी बृहस्पति के साथ एकादश भाव में हो तो जातक अपने व्यवसाय या पेशे से अच्छा धन कमाता है।
लेकिन यदि बृहस्पति एकादश भाव में शनि के साथ युति कर रहा है तो जातक को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
Jupiter in Eleventh house in case of Leo Ascendant – सिंह लग्न में बृहस्पति एकादश भाव में
सिंह लग्न में बृहस्पति पंचम और अष्टम भाव का स्वामी होता है। इस लग्न में बृहस्पति पांचवें घर का स्वामी होता है जो विद्या का घर भी है और बृहस्पति की पंचहं भाव पर पूर्ण दृष्टि होती है I इसलिए जातक की विद्या उच्च श्रेणी की होती है।
Jupiter in Eleventh house in case of Virgo Ascendant – कन्या लग्न में बृहस्पति एकादश भाव में
कन्या लग्न में बृहस्पति चतुर्थ और सप्तम भाव का स्वामी होता है। इस लग्न में बृहस्पति एकादश भाव बलवान होता है। जातक अपने जीवन में सम्पति अर्जित करता यही और जीवनसाथी से भी लाभ होता है।
Jupiter in Eleventh house in case of Libra Ascendant – तुला लग्न में बृहस्पति एकादश भाव में
तुला लग्न में बृहस्पति योगकारक ग्रह नहीं होता है I एकादश भाव में गुरु होने की स्थिति में जातक बहुत मेहनत से थोड़ा बहुत धन कमाता है। लेकिन अगर शुक्र और शनि शुभ स्थिति में हों तो जातक धनी होता है।
Jupiter in Eleventh house in case of Scorpio Ascendant – वृश्चिक लग्न में बृहस्पति एकादश भाव में
वृश्चिक लग्न में गुरु कुण्डली में दूसरे और पांचवें भाव का स्वामी होता है I एकादश भाव में बृहस्पति जातक की विद्या और धन दोनों की वृद्धि करने वाला होता है।
जातक अपनी विद्या की सहायता से नौकरी प्राप्त करता है। यदि सूर्य भी दशम भाव में हो तो जातक को सरकारी सेवा मिलने की संभावना बनती है। यदि मंगल भी दशम भाव में हो तो जातक सरकारी सेवा में उच्च पद प्राप्त कर सकता है।
Jupiter in Eleventh house in case of sagittarius Ascendant – धनु लग्न में बृहस्पति एकादश भाव में
धनु लग्न में गुरु कुंडली में लग्न और चतुर्थ भाव का स्वामी होता है। इस लग्न में बृहस्पति महत्वपूर्ण ग्रह है I गुरु एकादश भाव में लाभ देने वाला है परन्तु जातक को स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।
Jupiter in Eleventh house in case of Capricorn Ascendant – मकर लग्न में बृहस्पति एकादश भाव में
मकर लग्न में बृहस्पति एकादश भाव में हो तो जातक के लिए लाभदायक होता है लेकिन इस लग्न में गुरु योगकारक ग्रह नहीं है इसलिए कोई बड़ा लाभ भी नहीं होता है।
Jupiter in Eleventh house in case of Aquarius Ascendant – कुंभ लग्न में बृहस्पति एकादश भाव में
कुंभ लग्न में बृहस्पति एकादश और दूसरे भाव का स्वामी होता है I अतः बृहस्पति धन और आय का प्रतिनिधित्व करता है I बृहस्पति की शुभ स्थिति जातक को आर्थिक रूप से मजबूत बनाती है।
चूंकि लाभ भाव का स्वामी लाभ भाव में स्थित है, इसलिए बृहस्पति की स्थिति जातक को आर्थिक रूप से बहुत मजबूत बनाती है।
Jupiter in Eleventh house in case of Pisces Ascendant – मीन लग्न में बृहस्पति एकादश भाव में
“शनि क्षेत्रे यदा जीव : जीव क्षेत्रे यदा शनि :, स्थान हानि करो जीव: स्थानवृद्धि करो शनि: ||
अर्थात – गुरु के क्षेत्र में शनि हो और शनि के क्षेत्र में गुरु हो, तब गुरु उस स्थान की हानि करता है और शनि उस स्थान के फल में वृद्धि करते हैं।
मीन लग्न में गुरु कुंडली में पहले और दसवें भाव का स्वामी होता है I इस लग्न में जातक के लिए एकादश भाव में बृहस्पति की स्थिति शुभ होती है लेकिन नीच राशि में होने के कारण बहुत ज्यादा शुभ फल भी नहीं देता।
कुंडली से भविष्यवाणी हमेशा सभी तथ्यों और सभी ग्रहों की स्थिति और शुभता को ध्यान में रखकर की जानी चाहिए। केवल एक ग्रह की स्थिति पर विचार नहीं करना चाहिए।